एपिसोड की शुरुआत होती है जब झनक, सखी को बताती है कि ऋषि जल्द ही अदिति से शादी करने वाला है। यह सुनकर सखी चौंक जाती है और कहती है कि यह गलत है, क्योंकि झनक ही ऋषि की पत्नी है। लेकिन झनक साफ कहती है कि वह शादी मजबूरी में हुई थी और कानून की नजर में उसकी कोई अहमियत नहीं है।
झनक का फैसला
झनक, ऋषि और अदिति के रिश्ते को स्वीकार कर लेती है और कहती है कि वह उनके बीच कभी नहीं आएगी। सखी यह सुनकर रो पड़ती है, लेकिन झनक उसे समझाती है कि जब वह खुद ठीक है तो सखी को परेशान होने की ज़रूरत नहीं है।
ऋषि और अदिति की बातचीत
दूसरी ओर ऋषि, अदिति को बताता है कि झनक उसकी जिम्मेदारी है और अगर वह किसी परेशानी में फँसी तो वह उसके पास ज़रूर जाएगा। साथ ही, वह कहता है कि झनक पढ़ाई पूरी होने के बाद गाँववालों को सच बता देगी कि उनकी शादी अवैध है।
दादाभाई का फैसला
दादाभाई साफ कहते हैं कि उन्होंने झनक की पढ़ाई की जिम्मेदारी ली है और वह कोलकाता में पढ़ाई करेगी। हालांकि अदिति को इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह चाहती है कि झनक उसी घर में न रहे। दादाभाई कहते हैं कि जब तक हॉस्टल का इंतज़ाम नहीं होता, झनक वहीं रहेगी।
झनक की तबीयत खराब
झनक को अब भी तेज बुखार है। पराशर कहता है कि उसे ऋषि को यह बात बतानी चाहिए, लेकिन झनक मना कर देती है। वह कहती है कि ऋषि को परेशान करने की ज़रूरत नहीं है। पराशर को झनक का फोन मिलता है जिसमें ऋषि के मिस्ड कॉल्स दिखाई देते हैं।
परिवार में टकराव
कनका कहती है कि झनक अब मेहमान है, उसकी देखभाल क्यों करें। इस पर पराशर जवाब देता है कि झनक उसकी बेटी है और वह उसका ख्याल रखेगा। झनक सबको मना करती है कि ऋषि को फोन न किया जाए। आखिरकार सखी कहती है कि झनक खुद ऋषि को कॉल करेगी।
एपिसोड का अंत
एपिसोड खत्म होता है जब झनक सखी से कहती है कि वह नहीं चाहती कि ऋषि की ज़िंदगी में किसी भी तरह की परेशानी आए।
प्रीकैप
पराशर, ऋषि को फोन करता है और बताता है कि झनक की हालत लगातार बिगड़ रही है।